दिल के चंद एहसास
उल्फत में ख्वाहिशों का, शामियाना बना दिया
चाहत में दिल को उनका, आशियाना बना दिया।।
था यकीं नूर उस चाँद का, चतुर्दिक बिखरेगा
पर बेवफाई की आग ने, उर-आँगन जला दिया।।
----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---
Gunjan Kamal
05-Oct-2022 06:55 PM
शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻
Reply
नंदिता राय
03-Oct-2022 09:46 PM
बेहतरीन
Reply
Shashank मणि Yadava 'सनम'
03-Oct-2022 12:39 AM
सभी का बहुत बहुत धन्यवाद
Reply